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आड़वाड़ा में दलितों की पिटाई प्रकरण को लेकर कलेक्ट्रेट पर जोरदार विरोध प्रदर्शन


- आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने का अल्टीमेंटम, अन्यथा होगा देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन
-दलितों पर हो रहे अत्याचार का तमाशा देख रही है विधायक अमृता मेघवाल
-सेकड़ो लोगो ने किया विरोध प्रदर्शन
-जालोर से इन्द्र बारुपाल के साथ जेताराम परिहार
बाड़मेर/जालोर। जालोर जिले के आड़वाड़ा कस्बे के महादेव मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान हुए दलितों पर प्राण घातक हमले को लेकर देशभर के दलित समुदायों सहित अन्य समुदायों में भारी रोष व्याप्त है। दलितों पर हुए कायराना प्राण घातक हमले को लेकर तीसरे दिन हजारो की संख्या में दलितों सहित सर्व जातीय समुदाय के लोगो में कलेक्ट्रेट पर आरोपियों को अति शीघ्र गिरफ्तार कर दोषियो पर कार्रवाई करवाने को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
जिला प्रभारी मंत्री को घेरा-
आडवाडा कस्बे में हुए दलितों पर कायराना हमले को लेकर जिले भर सहित पूरे देश में रोष व्याप्त है। जिसको लेकर गुरूवार को जिले के दौरे पर आई जिला प्रभारी मंत्री कमसा मेघवाल को प्रदर्शनकारियों ने घेरा और दोषियो पर कानूनी कार्रवाई कर भविष्य में ऐसी घटनाओं के रोकथाम  के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
सौपा ज्ञापन-
दलितों पर हुए कायराना हमले को लेकर दलित समुदाय सहित विभिन्न संगठनों की और से जिला कलेक्टर जिला पुलिस अधीक्षक सहित जिला प्रभारी मंत्री को राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपकर दोषियो पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की।
विधायक अमृता मेघवाल शर्म करो और कितने दलितों को पिटवाओगी-
हाल ही में दलितों पर दर-दर पर दलितों पर आये दिन अत्याचार मारपीट की घटनाएं सामने आ रही है लेकिन जालोर विधानसभा की विधायक अमृता मेघवाल के मुंह में मानो मक्खियां बैठ गयी है। शायद दलित विधायक अमृता मेघवाल को तब पता पडेगा जब उनके साथ कुछ घटनाये होगी। खेर विधायक महोदया अब संभल जाइए।
सता के नशे में सुर जालोर विधायक दम्पति क्यों नही आते आगे-
सता का नशा किस कदर चढ़ जाता है इसकी बानगी देखनी है तो जालोर विधायक अमृता मेघवाल और उसके पति बाबूलाल से देखिये इन दम्पति को सत्ता का इतना नशा हो गया है कि स्वयं दलित होते हुए जिले भर में खास कर उनके ही विधानसभा में दलितों के साथ आये दिन अत्याचार हो रहे है लेकिन दम्पति दलितों के मामले में बोलने को तैयार नही है। विधायक पति को सत्ता का इतना नशा हो गया है कि सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद भी उनकी विधायक पत्नी की गाड़ी के नेम प्लेट लगा कर घूम रहा है। लेकिन जब बात दलित मामलो की आती है तब ये बिल में घुस जाते है। विधायक दम्पति के इस व्यवहार के चलते जिले भर के दलित संघठनो में भारी रोष व्याप्त है।

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